राज्य भाषा एवं संस्कृति विभाग कलाकारों को प्रोत्साहन देने के बजाय कलाकारों से कर रहा है भद्दा मजाक !

मंडी
रिफ्रेशमेंट को पांच, खाने के लिए मिलते हैं 15 रुपये
महंगाई के इस दौर में प्रदेश सरकार कलाकारों को रिफ्रेशमेंट के लिए पांच और भरपेट खाने के लिए 15 रुपये दे रही है। लगता है सरकार इन भत्तों में बढ़ोतरी करना भूल गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी कम राशि में कलाकारों का प्रोत्साहन कैसे होगा?

राज्य भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रादेशिक संस्कृति को संजोए रखने के लिए कई योजनाएं चला रहा है। इसके लिए हर स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। जब से इन योजनाओं को लागू किया गया है, तब से प्रदेश सरकार ने इनमें कोई बदलाव नहीं किया है।

पिछले 30 वर्षों से कलाकारों की रिफ्रेशमेंट और भोजन के सहायता अनुदान भत्तों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। नवज्योति कला मंच मंडी के अध्यक्ष इंद्रपाल का कहना है कि प्रदेश में कलाकारों की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है।

सरकार कलाकारों के प्रोत्साहन को कुछ नहीं कर रही है। विभाग की ओर से कलाकारों को भोजन और रिफ्रेशमेंट के लिए दी जाने वाली सहायतानुदान राशि संतोषजनक नहीं है।

किस जिले में कितनी संस्थाएं दे रहीं मंच

किस जिले में कितनी संस्थाएं दे रहीं मंच
प्रदेश के 12 जिलों 364 कला निष्पादन संस्थाओं में हजारों कलाकार रोजाना प्रदेश के कोने-कोने में संस्कृति को संजीदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिमला में 20, किन्नौर में 23, बिलासपुर में 37, चंबा में 52, हमीरपुर में 31, मंडी में 65, सिरमौर में 48, सोलन में 27, ऊना में 8, लाहौल-स्पीति में 10, कुल्लू में 28 और कांगड़ा में 15 संस्थाएं कलाकारों को मंच दे रही हैं।

भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक अरुण कुमार शर्मा का कहना है कि भाषा विभाग प्रदेश में कार्यरत संस्थाओं को कलाकारों के लिए मंच देने को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सहायतानुदान देता है। वर्ष 1985 से इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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